क्रिसमस 2023 के लिए अध्यक्ष महोदय का पत्र

12 दिसम्बर, 2023

प्रियजनों,

परमहंस योगानन्दजी के आश्रमों की ओर से आपको क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँ! जैसे ही हम आध्यात्मिक प्रत्याशा (spiritual promise) की इस पवित्र ऋतु में प्रवेश करते हैं, अनंत क्राइस्ट की चेतना जो कि सृष्टि में ईश्वर की प्रेमपूर्ण और सर्वव्यापी जागरूकता है, बढ़ी हुई शक्ति के साथ एक सांत्वनादायक दिव्य शांति उत्पन्न करती है। यदि हम स्वयं को ग्रहणशील बनाते हैं, तो ये उन्नत शांतिपूर्ण स्पंदन हमारी आत्मा की शुद्ध प्रकृति की एक स्पष्ट अनुभूति प्रदान करके, हमें गहराई से बदलने की शक्ति रखते हैं। मैं कामना करता हूँ कि क्रिसमस की इस बेला में आत्म-जागृति का वह उपहार, हमारे परमप्रिय प्रभु के अनंत संरक्षण में लिपटा, स्वयं उनके द्वारा अंकित आपके नाम के साथ, उनकी संपूर्ण मृदुलता के साथ आपके हाथों में आपको मिले।

परमहंसजी ने कहा है, “ध्यान कूटस्थ चैतन्य के द्वार को खोलता है। हमें दृढ़ और संवेदनशील रूप से सतर्क रहना चाहिए, और ईश्वर के प्रेम और प्रकाश को हममें से प्रत्यके के भीतर पोषित कूटस्थ चैतन्य की चिंगारी से विस्तारित होने देना चाहिए।” ईश्वर के प्रति एकनिष्ठता के साथ, अपने बाहरी उद्देश्यों की अनेकों आवश्यकताओं को छोड़कर क्राइस्ट, ईश्वर के साथ गहरे ध्यानपूर्ण सम्पर्क में स्वयं को पूर्णतया लीन करने के अवसर ढूँढ लेते थे। सृष्टि के नाटक में अपनी बाहरी भूमिका को निभाते हुए, आइए हम भी नियमित रूप से ईश्वर के लिए उत्साहपूर्ण ललक जगाकर और हमारे गुरु द्वारा हमें दी गई ध्यान की पावन प्रविधियों के अभ्यास द्वारा संसार को भूलकर अंतर में जाने के सबसे महत्त्वपूर्ण विषय के लिए प्रतिबद्ध हों।

क्राइस्ट और महावतार बाबाजी के आदेश पर ही प्राचीन क्रियायोग विज्ञान को इस युग में एक अमूल्य निधि के रूप में भेजा गया था। इसमें सम्मिलित प्रविधियों और जीवनशैली के माध्यम से, तथा ईश्वर के प्रति उनकी संतान के रूप में अपनी भक्ति के माध्यम से, हम क्राइस्ट और महान् गुरुओं की प्रेरणा प्रदान करने वाली शक्ति को आनन्द, ज्ञान और प्रेम की अपनी अनुभूति में रूपांतरित कर सकते हैं। जैसे ही हम ऐसा करने लगते हैं, क्राइस्ट चेतना, जो उनके जीवन में पूर्ण रूप से प्रकट हुई, वह हमारे भीतर तेज़ी से पनपने लगेगी।

क्रिसमस का यह सच्चा उत्सव मनाना, जिसका हमारे गुरुदेव ने गुणगान किया, हमें उन सभी चुनौतियों का, जो हमारे समक्ष आती हैं, साहसपूर्वक सामना करने और आंतरिक रूप से उन पर विजय पाने के लिए सशक्त बनाएगा। क्रियायोग के दिव्य उपहार में आश्रय लेने से, समय के साथ, अपने लिए, अपने प्रियजनों और अपने विश्व के लिए दिव्य समर्थन की चेतना में दृढ़ता से बने रहने की हमारी क्षमता का विस्तार होगा; और धीरे-धीरे हम स्वतः ही यह दृढ़ विश्वास प्राप्त कर लेंगे कि हम कभी भी अपने दिव्य शुभचिंतक की सुरक्षाप्रदायी आभा से बाहर नहीं हैं। आपके लिए मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि आपका हृदय और आपका घर इस क्रिसमस और सदा के लिए कूटस्थ स्थित आनन्द — ईश्वर, क्राइस्ट और गुरुओं से निरंतर प्रवाहित होने वाला निःशर्त प्रेम और स्थायी शांति के उन्नत स्पंदनों से भरपूर रहे।

आपको और आपके प्रियजनों को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँ,

स्वामी चिदानन्द गिरि

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