“हे गुरुदेव, आप मुझे भ्रम के जगत् से उठाकर शांति के स्वर्गलोक में ले आए । मेरी दुःख की निद्रा समाप्त हो गई है, और अब मैं आनंद में जागृत हूँ।”~ श्री श्री परमहंस योगानन्द
प्रिय आत्मन्,
हार्दिक अभिवादन और प्रणाम । मेरी कामना है कि गुरु पूर्णिमा आप सब के लिए आनंदमय और मंगलमय हो। इस पावन दिवस पर हम भारतवर्ष तथा संपूर्ण विश्व के लाखों लोगों के साथ मिलकर उन दिव्य गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं जो युग-युगों से मानवजाति में आध्यात्मिक ज्योति प्रज्ज्वलित करते आए हैं। इसी श्रेणी में हमारी संस्था के संस्थापक, श्री श्री परमहंस योगानन्द जी भी गिने जाते हैं। वे एक सदगुरु थे, परमात्मा के आशीर्वादों एवं मार्गदर्शन के श्रेष्ठतम माध्यम थे, और जो भी उनके संपर्क में आया वे सब उनसे प्रभावित हुए। उनकी विशेष कृपा आज भी उन हज़ारों शिष्यों के जीवन में देखी जा सकती है जो उनकी शिक्षाओं का अभ्यास करते हैं और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारते हैं।
इस पवित्र अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें। मेरी प्रार्थना है कि आपका प्रत्येक दिवस शांति, प्रेम, तथा निरंतर विस्तारशील दिव्य आनंद से भरपूर एक “गुरु दिवस” हो।
आपको ईश्वर के आशीष प्राप्त हों,
स्वामी चिदानन्द गिरि