प्रिय दिव्य आत्मन्,
श्री श्री परमहंस योगानन्दजी द्वारा स्थापित योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना की 105वीं वर्षगांठ पर आपको हमारी ओर से हार्दिक अभिनंदन एवं शुभकामनाएं। आप सभी भक्त, जो गुरुदेव के दिव्य प्रेम के आदर्श का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, उनकी उपस्थिति का सतत् बोध कराते हैं।
पिछले एक वर्ष के दौरान हमारे गुरुदेव परमहंस योगानन्दजी के आप जैसे समर्पित भक्तों से मिले प्रेम और सहयोग के लिए हम अत्यंत आभारी हैं। इतिहास में इस वर्ष की गिनती सबसे चुनौतीपूर्ण समय के रूप में की जाएगी जिसका सामना हाल के दशकों में विश्व को करना पड़ा है। आपके महत्वपूर्ण योगदान ने हमें गुरुदेव के कार्य को आगे बढ़ाने — अनेकों सत्यान्वेषियों तक गुरुदेव की जीवन-रूपांतरकारी क्रियायोग शिक्षाओं को पहुंचाने, और महामारी से प्रभावित लोगों के लिए बहुत-सी लोकोपकारी गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम बनाया है।
साथ मिलकर ऑनलाइन ध्यान करने के आशीर्वाद
जनवरी 31, 2021 को हमारे प्रिय अध्यक्ष, श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि ने वाईएसएस ऑनलाइन ध्यान केंद्र का उद्घाटन किया, जिससे भक्तों को भारत और दुनिया के अन्य लोगों के साथ सामूहिक ध्यान में सम्मिलित होने का एक दिव्य अवसर मिला। पिछले वर्ष के दौरान, ऑनलाइन ध्यान केंद्र की गतिविधियों में कई गुना वृद्धि हुई है जिसमें संगम, रिट्रीट, भगवद्गीता पर प्रवचन, योगी कथामृत का सामूहिक अध्ययन, तथा अनेक अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए । इसके फलस्वरूप अंग्रेज़ी, हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में संचालित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में प्रत्येक सप्ताह शामिल होने वाले हज़ारों प्रतिभागियों की ओर से हमें अद्भुत प्रतिक्रिया और अतिशय प्रशंसा और प्रेम प्राप्त हुआ है।
महामारी की दूसरी लहर के चरम के दौरान वाईएसएस संन्यासियों द्वारा प्रतिदिन आयोजित की जाने वाली ऑनलाइन आरोग्यकारी सेवायें उस कठिन अवधि के दौरान संघर्ष कर रहे बहुत से भक्तों के लिए आध्यात्मिक जीवन रक्षक, सांत्वना, सहयोग, और स्वास्थ्य प्रदान करने का एक निरंतर स्रोत सिद्ध हुईं।
ये सभी सेवायें सैकड़ों वॉलन्टियर भक्तों के समन्वित सहयोग से संभव हो पाईं।
हमने पिछले वर्ष साथ मिलकर सेवा करने के द्वारा क्या प्राप्त किया
आपके अथक सहयोग ने कई वाईएसएस पुस्तकों और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स के डिजिटलीकरण को सुगम बनाया है, जिससे वे ऑनलाइन रूप में अधिक से अधिक लोगों के लिए सुलभ हो गए हैं। कई भक्तों ने संन्यासियों के मार्गदर्शन में न केवल मौजूदा वाईएसएस वेबसाइट को अपडेट करने के लिए अथक प्रयास किया, बल्कि पूरी वेबसाइट का भारतीय भाषा में अनुवाद और संस्करण भी तैयार किया। वर्तमान में, वाईएसएस वेबसाइट का हिंदी और तमिल संस्करण उपलब्ध है और अन्य भाषाओं पर काम जारी है।
हमारी अपीलों के प्रति आपकी उदार और हार्दिक प्रतिक्रिया ने वाईएसएस के लिए देश भर में कोविड-राहत गतिविधियों का दायित्व ले पाना संभव बना दिया। आपने इस आपदा के दौरान बहुत से लोगों की जीवन रक्षा में सहायता की और हज़ारों लोगों को सांत्वना दी। हम उन वॉलन्टियर्स के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने साहसपूर्वक गरीबों और ज़रूरतमंदों को कोविड-राहत सामग्री वितरित करने में मदद की है। ऐसी निस्वार्थ सेवा के कारण, वाईएसएस को कई शहरों और कस्बों में स्थानीय सरकारी अधिकारियों द्वारा पहचाना गया। आपका धन्यवाद!
पिछले वर्ष, वाईएसएस की मुख्य गतिविधियों में से एक रहा – पाठमाला के नए संस्करण का भारतीय भाषाओं में अनुवाद। इस कार्य में चार प्रमुख भाषाओं – हिंदी, तमिल, तेलुगु और बांग्ला – में संन्यासियों और भक्तों की कई टीमें लगी हुई हैं।
आगे क्या करना है
हाल ही में, वाईएसएस आश्रम और केंद्र व्यक्तिगत ध्यान के लिए आगंतुकों के लिए फिर से खुल गए हैं, और जल्द ही, सामूहिक ध्यान और अन्य कार्यक्रम भी प्रारम्भ हो जाएंगे। हम देश भर में संन्यासियों के दौरे के कार्यक्रमों को फिर से प्रारम्भ करने की योजना भी बना रहे हैं।
प्रिय गुरुदेव के ये वचन हमें दिव्य आशा और सुरक्षा प्रदान करे: “यदि आप ईश्वर के साथ रहते हैं, तो आप जीवन और मृत्यु, स्वास्थ्य और रोग के भ्रम से मुक्त हो जाएंगे। ईश्वर में रहें। उनके प्रेम को अनुभव करें। किसी से भी भयभीत न हों। केवल ईश्वर के दुर्ग में ही हम सुरक्षा पा सकते हैं। उनकी उपस्थिति से बढ़कर आनंद का कोई सुरक्षित आश्रय नहीं है। जब आप उनके साथ होते हैं, तो कुछ भी आपको छू नहीं सकता।”
आप हमारे गुरुदेव के पवित्र कार्य के लिए जो कुछ भी करते हैं, हमारे लिये बहुमूल्य है। हमारी प्रार्थना है कि जैसे-जैसे आप उनके पदचिह्नों पर चलने का प्रयास करें, प्रतिदिन ईश्वर और गुरुजी के प्रेम से आप स्वयं को ओत-प्रोत अनुभव करें।
दिव्य मैत्री में,
योगदा सत्संग सोसायटी ऑफ़ इण्डिया