“एक श्रेष्ठतर जीवन, नववर्ष के प्रवेश द्वार से” — परमहंस योगानन्दजी द्वारा एक निर्देशित ध्यान विस्तार में
श्री दया माता द्वारा “आप अपनी आत्मा को कैसे संतुष्ट कर सकते हैं? जीवन को सरल बनाने में आनंद लेना सीखें!” विस्तार में