परमहंस योगानन्द विश्वास की ऊर्जस्वी शक्ति पर

24 जून, 2024

परमहंस योगानन्दजी के प्रवचनों एवं लेखन से…

विश्वास का अर्थ है पूर्ण भरोसा — सहज विश्वास, आत्मा से यह जानना कि ईश्वर वास्तविक हैं और उनकी सहायता मनुष्य के जीवन में प्रवाहित होने के लिए सदा तत्पर है।

विश्वास अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि नकारात्मक विचारों और संदेहों से ईश्वरीय शक्ति के प्रति ग्रहणशीलता बंद हो जाती है। जैसे-जैसे आप इसका अभ्यास करते हैं, विश्वास बढ़ता है; और जब आपके पास विश्वास होता है, तो आप सब कुछ कर सकते हैं। यदि आप किसी विचार पर पर्याप्त लंबे समय तक टिके रह सकते हैं, और विपरीत सबूतों के द्वारा विरोध किये जाने के बाद भी हार नहीं मानते हैं, भले ही पूरी दुनिया कहे कि यह असंभव है; यदि आप लोगों के नकारात्मक विचारों से लड़ सकते हैं और अपने लक्ष्य की ओर काम करते हुए अपने विचारों को दृढ़ बनाये रख सकते हैं, तो यह साकार होगा।

आस्था से शक्ति प्राप्त करके निरंतर आगे बढ़ते जाओगे। दैनिक ध्यान द्वारा ईश्वर को कभी मत भूलो। प्रतिदिन उनकी उपस्थिति के नए परिदृश्य तुम्हारे सामने आएंगे। उनकी विद्यमानता के रहस्य तुम्हारे सामने उद्घाटित होंगे। तुमको शक्ति प्राप्त होगी; क्योंकि उनकी शक्ति सर्वव्याप्त है। यह सब दृढ़तापूर्वक स्वीकार करो और इसे शान्ति के साथ अपने अस्तित्व की गहराई में समा जाने दो। जब प्राणशक्ति को नियंत्रित करने वाले विज्ञान [क्रिया योग] में तुम सिद्धहस्त हो जाओगे, तुम उन शक्तियों को नियंत्रित कर सकोगे जिनके द्वारा ईश्वर सभी वस्तुओं को निर्मित करते हैं तथा वे जीवन धारण करती हैं क्योंकि तुम उनके सम्पूर्ण सृष्टि के साम्राज्य के भागीदार बन जाओगे।

विश्वास के मार्ग पर चलते रहें, और प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रहार से न डरें। दुर्भाग्य की प्रचण्डता से अधिक प्रचण्ड बनें, और अपने खतरों से अधिक दु:साहसी बनें। इस नवप्राप्त विश्वास का आपके ऊपर जितना अधिक सक्रिय प्रभाव होगा, दुर्बलता के प्रति आपकी दासता में उसी अनुपात में कमी होगी।

मई में हमारी ऑनलाइन साप्ताहिक प्रेरणादायक सत्संग श्रृंखला के एक अंश के रूप में जारी किए गए सत्संग “हमारे जीवन को ईश्वर की योजना के साथ समस्वर करना” में, वाईएसएस/एसआरएफ़ अध्यक्ष श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि ने विश्व के बारे में भविष्यवाणियों के साथ-साथ सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ विश्वास को थामे रखने से मिलने वाली अजेय शक्ति के बारे में परमहंस योगानन्दजी की सलाह साझा की है। स्वामी चिदानन्दजी के सत्संग से जारी एक नए लघु वीडियो में जानें कि परमहंसजी ने विश्व की भविष्यवाणियों के बारे में क्या कहा था — हम आशा करते हैं कि आप इससे प्रेरणा और अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकेंगे।

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