स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के सम्मान में

विशेष ध्यान

शनिवार, 4 मई, 2024

सुबह 6:40 बजे

– सुबह 10:00 बजे

(भारतीय समयानुसार)

कार्यक्रम के विवरण

ईश्वर को जानने के लिए कुछ भी प्रत्याशा मत रखो। केवल विश्वास के साथ स्वयं को उनकी आनन्दमय उपस्थिति में ले जाओ।

— स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि

परमहंस योगानन्दजी ने अपने गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि का वर्णन इस प्रकार किया : “जहाँ दया का प्रश्न है वहाँ फूलों से भी कोमल; जहाँ सिद्धान्तों का प्रश्न है वहाँ वज्र से भी कठोर।”

स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के आर्विभाव दिवस (10 मई) के उपलक्ष्य में, वाईएसएस संन्यासी द्वारा एक ऑनलाइन लम्बे ध्यान-सत्र का संचालन किया गया।

इस आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाले कार्यक्रम में चैंटिंग, प्रेरणादायक पठन और ध्यान की अवधियाँ शामिल थीं।

इस अवसर पर वाईएसएस आश्रमों, केन्द्रों और मण्डलियों में भी व्यक्तिगत रूप से कार्यक्रम आयोजित किए गए।

स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के आर्विभाव दिवस के इस विशेष अवसर पर भक्तजन प्रणामी देकर उनसे प्राप्त होने वाले अनेक आशीर्वादों के लिए आभार व्यक्त करते हैं। आपके बहुमूल्य योगदान का उपयोग वाईएसएस/एसआरएफ़ गुरुओं की मुक्तिदायिनी शिक्षाओं के प्रसार के लिए किया जाएगा।

यदि आप चाहें तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके यह दान ऑनलाइन भी कर सकते हैं

नवागंतुक

परमहंस योगानन्दजी और उनकी शिक्षाओं के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर जाएँ :

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