भारत ने परमहंस योगानन्दजी के जीवन के बारे में काउंटरप्वाइंट फिल्म्स की पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्री अवेक : द लाइफ ऑफ़ योगानन्द को उत्साहपूर्वक अंगीकार किया।
एक ऐसे देश में जहाँ बड़े पर्दे पर वृत्तचित्र बहुत कम दिखाए जाते हैं, पूरे भारत के पच्चीस प्रमुख शहरों के सिनेमाघरों में चार सप्ताह तक चलने के दौरान अवेक ने लगभग 22,000 दर्शकों को आकर्षित किया।
कई भारतीय अखबारों और पत्रिकाओं ने फिल्म की भूरि-भूरि प्रशंसा की। द इकोनॉमिक टाइम्स ने इसे “एक प्रेरक, आकर्षक और ज्ञानवर्धक वृत्तचित्र” कहा। मिड डे ने कहा, “अवेक एक अनूठा अनुभव है, जो पूरी तरह से तल्लीन करने वाला और विरोधाभासी ढंग से उत्कृष्ट है।” द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, हिंदुस्तान टाइम्स और द हिंदू जैसे प्रमुख समाचार पत्रों में फिल्म समीक्षा और फिल्म के बारे में रिपोर्ट के साथ साथ परमहंस योगानन्दजी पर विशेष लेख भी छपे हैं।
योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया ने मुंबई और नई दिल्ली में अवेक की प्रीमियर स्क्रीनिंग का आयोजन फिल्म के वितरक के साथ मिलकर किया। वाईएसएस के महासचिव स्वामी स्मरणानन्दजी ने दोनों ही कार्यक्रमों में फिल्म का परिचय दिया, जिसमें कला, खेल, विज्ञान के क्षेत्र और सरकार से कई विशिष्ठ व्यक्तियों ने भाग लिया। दिग्गजों की सूची में प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य कलाकार और नृत्य-परिकल्पक श्री राजा रेड्डी, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान श्री रवि शास्त्री, परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल काकोडकर और उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन शामिल थे।
प्राचीन योग विज्ञान के एक प्रमुख विश्व शिक्षक के रूप में परमहंसजी की उत्तरोत्तर स्वीकृत भूमिका को रेखांकित करते हुए दूसरे वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून से एक सप्ताह पहले फिल्म के प्रीमियर और मंचीय विमोचन का समय निर्धारित किया गया ।
वरिष्ठ वाईएसएस संन्यासी स्वामी श्रद्धानन्दजी ने भारत में अवेक के सफल पदार्पण को इन शब्दों के साथ अभिव्यक्त किया : “गुरुदेव की इस फिल्म का विमोचन चकाचौंध करने वाले आध्यात्मिक प्रकाश की एक विशाल ज्वाला के साथ प्रारम्भ हुआ है।”
10 जुलाई को राँची के राजभवन में अवेक की विशेष स्क्रीनिंग का आतिथेय झारखंड राज्य की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी द्वारा किया गया। राज्यपाल ने स्वयं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जिसमें उच्च पदस्थ राज्य सरकार और सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया। स्वामी स्मरणानन्दजी ने परमहंस योगानन्दजी और अवेक के निर्माण का संक्षिप्त परिचय दिया।
भारतीय दूतावासों द्वारा प्रायोजित स्क्रीनिंग
सेल्फ़-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप के सहयोग से, भारतीय दूतावासों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 के उपलक्ष्य के रूप में वाशिंगटन, डी.सी., रोम, लीमा और त्बिलिसी, जॉर्जिया में अवेक : द लाइफ़ ऑफ़ योगानन्द की विशेष स्क्रीनिंग प्रायोजित की।
वाशिंगटन, डी.सी. में 21 जून की स्क्रीनिंग में विशिष्ट आमंत्रितों के एक विशेष श्रोता समूह ने भाग लिया। फिल्म का परिचय सेल्फ़-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप के एक वरिष्ठ संन्यासी स्वामी विश्वानन्दजी ने दिया। उन्होंने कहा, “यह क्षण बहुत बड़ा आशीर्वाद है। यहाँ होना महान् सौभाग्य और सम्मान का विषय है क्योंकि परमहंस योगानन्दजी को यहाँ उनकी जन्मभूमि के दूतावास में पश्चिम और विश्व में योग के महान् दूतों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया है।”
संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत, महामहिम श्री अरुण के. सिंह उपस्थित थे। डॉ. अनीता गोयल, एमडी, पीएचडी, नैनोबायोफिजिक्स के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हार्वर्ड प्रोफेसर, जो अवेक में दिखाई देती हैं, उपस्थित थीं। उन्होंने और स्वामी विश्वानन्दजी ने फिल्म के बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया।
राजदूत श्री सिंह ने विश्व-भर में योग के प्रसार में परमहंसजी के योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने अपनी परिचयात्मक टिप्पणी के दौरान कहा, “योग हमारी व्यस्त जीवन शैली को संतुलित करने के लिए एक आवश्यक और सकारात्मक घटक साबित हुआ है। यह न केवल शरीर बल्कि मन का भी विस्तार करता है। यह हम सभी को जोड़ने वाली और सद्भाव की भावना देता है, जो मुझे आशा है कि हमारे भविष्य को परिभाषित करेगा और आकार देगा।”
राजदूत श्री सिंह की चर्चा के बाद, अतिथियों को भारत के प्रधानमंत्री, माननीय श्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री, श्रीमती सुषमा स्वराज के दो लघु वीडियो संदेश दिखाए गए जिनमें उन्होंने आज के विश्व में योग के महत्त्व पर जोर दिया। श्री मोदी, जोकि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रेरणा स्त्रोत हैं, ने दृढ़ता से कहा कि “योग हमें अपने स्वयं के बारे में नई अंतर्दृष्टि प्राप्त करने योग्य बनाता है।”
वाशिंगटन, डी.सी. में भारतीय दूतावास ने इस कार्यक्रम की एक फ़ोटो गैलरी पोस्ट की है।
इटली में भारत के राजदूत महामहिम श्री अनिल वधवा ने 20 जून को एक स्क्रीनिंग में अवेक का परिचय दिया। इस कार्यक्रम को एसआरएफ़ के रोम सेंटर के सहयोग से रोम में भारतीय दूतावास द्वारा प्रायोजित किया गया था। राजदूत श्री वधवा ने पश्चिम में योग शिक्षाओं के प्रसार में परमहंस योगानन्दजी के संदेश के महत्त्व के बारे में बात की और महान् गुरु के कार्य को सतत चलाये रखने के लिए एसआरएफ़ को धन्यवाद दिया।
पेरू और बोलिविया में भारत के राजदूत महामहिम श्री संदीप चक्रवर्ती 17 जून को लीमा, पेरू में भारत के दूतावास में अवेक की एक विशेष स्क्रीनिंग में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए। एसआरएफ़ की लीमा ध्यान मंडली ने इस कार्यक्रम को आयोजित करने में सहायता की। मंडली की सचिव, सुश्री अमेलिया रोमन, बाईं ओर दिखाई दे रही हैं।
21 जून को सेंट ऑगस्टाइन, त्रिनिदाद में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय में अवेक की स्क्रीनिंग की गई। सैन फर्नांडो, त्रिनिदाद और टोबैगो में एसआरएफ़ के ध्यान समूह के सदस्यों ने भारतीय उच्चायोग, त्रिनिदाद और टोबैगो के सहयोग से इस कार्यक्रम को आयोजित करने में सहायता की। यहाँ उच्चायुक्त महामहिम श्री शंकर गुप्ता, योग के विषय पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
महामहिम श्री योगेश्वर सांगवान (दाएं से पांचवें), अर्मेनिया में भारत के राजदूत, कुछ प्रमुख जॉर्जियाई और भारतीयों के साथ, जिन्होंने 26 जून को त्बिलिसी, जॉर्जिया में अवेक की स्क्रीनिंग में भाग लिया था। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2016 के अपने समारोह के अन्तर्गत, येरेवन, आर्मेनिया में भारत के दूतावास द्वारा प्रायोजित किया गया था।