जब मैं चला जाऊँगा, तब ये शिक्षाएँ ही तुम्हारी गुरु होंगी…। इन शिक्षाओं के माध्यम से ही तुम मुझसे और उन महान् गुरुओं से, जिन्होंने मुझे भेजा है, सम-स्वरित रहोगे।
— परमहंस योगानन्द
शनिवार, 2 मार्च को, वाईएसएस संन्यासी ने स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि और हमारे गुरुदेव परमहंस योगानन्दजी के सम्मान में उनकी महासमाधि — एक ईश्वर प्राप्त योगी का शरीर से अंतिम सचेतन प्रस्थान — के विशेष दिनों को मनाने के लिए छः घंटे का ध्यान सत्र आयोजित किया।
यह विशेष लम्बा ध्यान सत्र शक्ति-संचार व्यायाम के अभ्यास के साथ शुरू हुआ, इसके बाद प्रेरणादायक पठन, तथा चैंटिंग एवं ध्यान की अवधियाँ आयोजित की गयीं । इसका समापन परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि और समापन प्रार्थना के साथ किया गया।
शनिवार, 2 मार्च को ध्यान का कार्यक्रम इस प्रकार था :
- शक्ति-संचार व्यायाम – सुबह 7:40 से 8:00 बजे तक
- पहला सत्र – सुबह 8:00 से 11:00 बजे तक
- दूसरा सत्र – सुबह 11:30 से दोपहर 2:00 बजे तक