6 अक्टूबर, 2021 को झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कई स्वास्थ्य सुविधाओं का वर्चुअल ऑनलाइन उद्घाटन किया, जो विशेष रूप से कोविड महामारी की तीसरी लहर के पूर्वानुमान में शुरू की गई थी। राँची जिले के अनगड़ा ब्लॉक में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस) द्वारा स्थापित बाल चिकित्सा उच्च निर्भरता इकाई (पीएचडीयू) उनमें से एक थी। स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए.के. सिंह और वाईएसएस के महासचिव स्वामी ईश्वरानन्द गिरि भी उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे।
मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के आरंभ के बाद से, वाईएसएस पूरे भारत में विभिन्न प्रकार की कोविड-राहत गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। इस विषय पर हमारे पिछले ब्लॉग में इन सभी गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है, जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।
महामारी की दूसरी लहर आरंभ होने से पहले ही, वाईएसएस ने एक ग्रामीण अस्पताल में एक विशेष कोविड वार्ड स्थापित करने के प्रस्ताव के साथ झारखंड स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया था। उस समय तक, हमारी अधिकांश कोविड-राहत गतिविधियाँ शहरी क्षेत्रों और उसके आसपास केन्द्रित थीं। एक गाँव में एक विशेष कोविड वार्ड बनाकर वाईएसएस ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी धर्मार्थ गतिविधियों का विस्तार करना चाहता था। जून 2021 के महीने में, वाईएसएस को झारखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा राँची जिले के ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) में से एक में पीएचडीयू स्थापित करने में सहायता करने के लिए आमंत्रित किया गया था। झारखंड सरकार संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार कर रही थी, और अपनी रणनीति के अंतर्गत, वह बच्चों के इलाज के लिए अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ कर रही थी, जिन्हें माना जाता है कि कोविड-19 की तीसरी लहर आने पर संक्रमित होने की अधिक संभावना हो सकती है। वाईएसएस ने अनगड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) में पीएचडीयू स्थापित करने का यह कार्य किया, जो राँची शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित एक कस्बा है। यह सीएचसी 1.1 लाख से अधिक की कुल आबादी वाले 82 गाँवों के गरीब आदिवासियों को सेवा प्रदान करता है। सीएचसी परिसर में इमारतों में से एक की पहली मंजिल पर केन्द्रीय हॉल को पीएचडीयू में पुनर्निर्मित किया गया है। हॉल की दीवारें, जो पहले सादी दीवारें थीं, 7 फीट की ऊँचाई तक रंगीन सिरेमिक टाइलों से ढकी गई हैं। इससे वार्ड को साफ-सुथरा रखने में सहायता मिलेगी। छत तक शेष तीन फीट को बच्चों के अनुकूल चित्रों के साथ चित्रित किया गया है ताकि यह बीमार बच्चों के लिए जीवंत तथा स्वागत योग्य हो। पीएचडीयू एक वार्ड है जो विशेष रूप से उन बच्चों के इलाज के लिए सुसज्जित है जो मध्यम से गंभीर कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित हैं। इस वार्ड में, दस अर्ध-फाउलर अस्पताल के बिस्तर हैं (बिस्तर को एक तरफ उठाने के लिए एक चरखी से सुसज्जित) प्रत्येक बिस्तर में अपनी अलग ऑक्सीजन आपूर्ति होती है और एक उपकरण जो बी.पी., धड़कन, ऑक्सीजन संतृप्ति आदि बच्चे के महत्त्वपूर्ण जीवन लक्षणों की लगातार निगरानी कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें बहुत छोटे शिशुओं की देखभाल के लिए विशेष उपकरण हैं जैसे कि शिशु वार्मिंग स्टेशन, विशेष ऑक्सीजन मास्क, आटोक्लेव और सिरिंज पंप।
हॉल के बीच में एक नर्सिंग स्टेशन भी बनाया गया है जहाँ से बीमार बच्चों की प्रभाविक रूप से निगरानी के लिए सभी बिस्तर दिखाई देते हैं। वार्ड को पूरी तरह कार्यात्मक बनाने के लिए सभी आवश्यक विद्युतीय मरम्मत, फिटिंग और प्लंबिंग का काम भी किया गया।
पीएचडीयू के उद्घाटन समारोह के दौरान अपने संक्षिप्त संबोधन में स्वामी ईश्वरानन्द ने वाईएसएस को समाज सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए झारखंड सरकार का आभार व्यक्त किया और स्वास्थ्य विभाग, अनगड़ा सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और अन्य डॉक्टरों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
अनगड़ा सीएचसी में यह पीएचडीयू राँची जिले के पूर्वी हिस्से में है। इसी तरह का एक और पीएचडीयू मांझी सीएचसी में स्थापित किया जा रहा है, जो राँची जिले के उत्तरी हिस्से में है। उदार हृदय वाईएसएस भक्तों से प्राप्त अंशदान के कारण ही हम इन सुविधाओं को स्थापित करने में सक्षम हो पाए जो न केवल महामारी के मध्य, बल्कि कई वर्षों तक ग्रामीण आबादी की सेवा करेंगे। इन सभी महान् आत्माओं के प्रति हमारी गहरी कृतज्ञता और धन्यवाद, जिन्होंने इस अद्भुत सुविधा को बनाने के लिए अपना समय, ऊर्जा और संसाधन दिया, जो सभी की सेवा करने के लिए ईश्वर और गुरुओं के चरणों में समर्पित है।