जो व्यक्ति मुझे सर्वत्र देखता है तथा प्रत्येक वस्तु को मुझमें देखता है, मैं उसकी दृष्टि से कभी ओझल नहीं होता, न ही वह मेरी दृष्टि से कभी ओझल होता है।
— ईश्वर-अर्जुन संवाद : श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक (VI:30)
इस वर्ष 26 अगस्त को भगवान् श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में विश्व-भर में लाखों भक्तों ने जन्माष्टमी मनाई, इस अवसर पर वाईएसएस के एक संन्यासी ने दिव्य प्रेम के अवतार के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें प्रेरणादायक पठन, भक्तिपूर्ण चैंटिंग और ध्यान के सत्र शामिल थे।
यह विशेष ध्यान हमें भगवान् श्रीकृष्ण की ज्ञान और ध्यान की शिक्षाओं का अनुसरण करने का एक सुंदर अवसर प्रदान करता है, जिन्हें योगेश्वर या “योग के जनक” के रूप में भी सम्मानित किया जाता है, जिनकी शिक्षाएँ भगवद्गीता में निहित हैं।
इस अवसर पर सभी वाईएसएस आश्रमों, केन्द्रों और मंडलियों ने भी व्यक्तिगत कार्यक्रम आयोजित किए।
परमहंस योगानन्दजी के आश्रमों से जन्माष्टमी 2024 संदेश
जन्माष्टमी के अवसर पर परमहंस योगानन्दजी के आश्रमों से एक संदेश पढ़ने के लिए, कृपया इस लिंक पर जाएँ :
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